बी .एच .यू .के हिंदी विभाग के शोध छात्र रहे युवा कवि रविशंकर उपाध्याय की स्मृति में प्रति वर्ष दिया जाने वाला 'रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार 2016' इस वर्ष बलिया के उनतीस वर्षीय युवा कवि और दिल्ली में कार्यरत पेशे से पत्रकार अमृत सागर को दिया जायेगा। इस पुरस्कार का निर्णय कवि मदन कश्यप(दिल्ली), कथाकार अखिलेश(लखनऊ) और वाराणसी के कवि श्रीप्रकाश शुक्ल की समिति ने सर्वसम्मति से किया। निर्णायक मंडल ने अमृत सागर के नाम की अनुशंषा करते कहा है कि "इनकी उपलब्ध कविताओं से गुजरते महसूस होता है कि कविता की चौखट पर एक सर्वथा नयी और युवतम पीढ़ी दस्तक दे रही है जिसके यहाँ संवेदना की अभिव्यक्ति के लिए अपनी तरह से काव्य मुहावरा भी विकसित हो रहा है | अमृत सागर की रचनात्मकता में वस्तुगत संसार और उसमें बसे हुए साधारण मनुष्यों के लिए लगाव तथा समर्थन उपस्थित है | इनके पास प्रतिरोध की चेष्टा के साथ एक पक्षधर राजनीतिक व्याख्या भी है जिसकी इन दिनों प्रायः कमी महसूस की जाती रही है | ये एक तरफ अपनी वैचारिकता से वैयक्तिक संवेदन को सामाजिकता की चमक देते हैं तो दूसरी तरफ वे राजनीतिक विवेक को काव्यरूप दे सकने में भी सफलता प्राप्त करते है | संक्षेप में अमृत की ये कविताएँ अपने पाठ से युवतम कविता और स्वयं अमृत के लिए उम्मीद जगाती हैं "| यह पुरस्कार 12 जनवरी को रविशंकर उपाध्याय के जन्मदिन पर प्रदान किया जाएगा |
ध्यातव्य है कि प्रतिभाशाली युवा कवि रविशंकर उपाध्याय का 19 मई 2014 को बी .एच .यू .के अस्पताल में तीस वर्ष की अवस्था में ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया था ।वे छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थे और बी. एच. यू. में 'युवा कवि संगम' जैसे आयोजन के संस्थापकों में थे।उनका एक कविता संग्रह 'उम्मीद अब भी बाकी है' नाम से प्रकाशित है।उनकी स्मृति में पहला पुरस्कार वर्ष 2015 में झारखण्ड की युवा कवयित्री जसिंता केरकेट्टा को दिया गया था।
सचिव ,रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान वाराणसी
वंशीधर उपाध्याय
बधाई अमृत सागर
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